वाराणसी :- धर्म आध्यात्मिक संस्कृति और साहित्य की राजधानी कहे जाने वाली काशी में अब अनोखी लाइब्रेरी खुलने जा रही हैं। यह लाइब्रेरी बनारस ही नहीं बल्कि यूपी के लिए खासा आकर्षण का केंद्र होगा। यह लाइब्रेरी किसी विश्वविद्यालय, किसी स्कूल या फिर किसी हेरिटेज बिल्डिंग में नहीं बल्कि गंगा के गोद में चलती फिरती लाइब्रेरी होगी। जी हां वाराणसी जिला प्रशासन ने काशी और देश के साहित्य और संस्कृति को आने वाले पर्यटकों के सामने रखने के लिए गंगा नदी में नाव पर लाइब्रेरी खोलने जा रही है जो जल्द ही पर्यटकों के लिए तैयार कर दी जाएगी ,क्या होगा खास इस लाइब्रेरी में देखिये ये रिपोर्ट –
धर्म व अध्यात्म की नगरी काशी जहां हर दिन हजारों की संख्या में पर्यटक और श्रद्धालु आते हैं ।आने वाले पर्यटक और श्रद्धालु काशी के इतिहास साहित्य और दर्शन को जानने के इच्छुक होते हैं लेकिन अब उन्हें कहीं भटकने की जरूरत नहीं होगी गंगा घाट पर ही ज्ञान का केंद्र पर्यटकों के लिए खोला जा रहा है ।जिसे वह किताबों के जरिए हासिल कर पाएंगे ।वह भी बड़े आसानी से। इसी को योजना बनाते हुए जिला प्रशासन गंगा नदी में चलने वाले बजड़े यानी कि एक बड़ा नाव पर लाइब्रेरी खोलने जा रही है। यह लाइब्रेरी गंगा घाटों के किनारे खड़ी रहेगी जो प्रत्येक दिन घाट किनारे अपना स्थान भी चेंज करेगी । यानी कि ये लाइब्रेरी चलती फिरती लाइब्रेरी होगी ।
वीओ- काशी के धर्म और अध्यात्म के साथ-साथ काशी के साहित्य और देश के भी महान लेखकों साहित्यकारों के द्वारा लिखी गई किताब इस लाइब्रेरी में होगी मुंशी प्रेमचंद से लेकर जयशंकर तक रामचंद्र शुक्ल से लेकर काशीनाथ सिंह तक तमाम साहित्यकारों के किताब भी इस अनोखी लाइब्रेरी में होंगे जो आने वाले पर्यटक बजट में बैठकर या फिर गंगा घाट किनारे सीढ़ियों पर बैठकर इन किताबों के जरिए देश की साहित्य और संस्कृति के बारे में बड़े ही आसानी से पढ़ सकेंगे
वीओ- गंगा की गोद में इस अनोखी लाइब्रेरी की योजना जानकर काशीवासी बड़े ही उत्साहित हैं काशी धर्म के साथ-साथ साहित्य की नगरी कही जाती है जहां बड़े-बड़े साहित्यकारों ने देश दुनिया में अपनी लेखनी से अपना छाप छोड़ा है । ऐसे में अनोखी लाइब्रेरी पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय लोगों के लिए भी खासा आकर्षण का केंद्र होगी जिसके माध्यम से वह भी समय-समय पर काशी के इन साहित्यकारों के बारे में आसानी से पढ़ सकेंगे खासकर यह लाइब्रेरी उन युवाओं के लिए फायदेमंद होगी जो घाटों पर अपनी संस्कृति को जानने के लिए बरबस ही खींचे चले आते हैं
वीओ- काशी में लगातार विकास की योजना जारी है ।पर्यटकों को लुभाने के लिए घाटों पर कई योजनाएं चल रही हैं। लेकिन यह चलती फिरती लाइब्रेरी की योजना वह भी गंगा की गोद में खासा चर्चा बटोरेगी। क्योंकि काशी जितना अपने अल्हड़ता के बारे में जाना जाता है ,उतना ही यहां साहित्य को भी सम्मान मिलता है। ऐसे में गंगा की गोद में साहित्य की ये अनोखी लाइब्रेरी काशी का एक पहचान भी बनेगी