विकासनगर देहरादून:- आपको बता दें उत्तराखंड के जनपद देहरादून तहसील विकासनगर के क्षेत्र में एक आदुवाला गांव स्थित है जिसमें 450 परिवार निवास करते हैं महत्वपूर्ण बात इस गांव की यह है इस गांव में सभी हिंदू परिवार निवास करते हैं
इस छोटे से गांव में एक किसान के खेत में प्राचीन शिवलिंग रूपी एक प्रतिमा पीढ़ी दर पीढ़ी बुजुर्ग देखते आ रहे हैं यह शिवलिंग किसान के खेत में झाड़ियों से गिरा हुआ रहता था हालांकि 2014 तक किसी ने भी इस शिवलिंग को महत्व नहीं दिया और किसान अपनी खेती करते थे और झाड़ियों के बीच में शिवलिंग को देख कर के निकल जाते थे क्योंकि किसी के दिमाग में यह बात आई नहीं की इस छोटे से गांव में एक प्राचीन शिवलिंग के रूप में महादेव वास करते हैं सन 2014 में कुछ गांव के नौजवानों ने इस जगह को साफ-सुथरा किया
लेकिन ग्रामीणों की माने तो उस बीच में कुछ लोगों द्वारा इस शिवलिंग को निकालने का भी प्रयास किया गया कि यहां से निकाल कर के दूसरी जगह स्थापित किया जाए जब इस शिवलिंग की खुदाई शुरू की जानकारों के मुताबिक जितना इसको खुद आ जाता था दूसरी जगह स्थापित करने के लिए उतना ही धरती के अंदर समा जाता था
उसके उपरांत ग्रामीणों ने इस शिवलिंग को महत्व देना शुरू किया धीरे धीरे गांव के पहले 1,2 परिवार शिवलिंग पर माता देखने जाने लगे धीरे-धीरे पूरे गांव के लोगों को शिवलिंग में आस्था होने लगी ग्रामीण भंडारे देने लगे धीरे-धीरे उत्तराखंड के अन्य जिलों से लोग आने लगे और जैसे-जैसे लोगों की मनोकामनाएं पूर्ण होने लगी तो अन्य प्रदेशों से भी लोग मनोकामना लेकर के इस प्राचीन अद्भुत शिवलिंग रूपी प्रतिमा के दर्शन करने श्रद्धालु आने लगे मनोकामना पूर्ण होने के बाद लोगों ने भंडारे देने शुरू कर दे
शिवलिंग से मात्र 500 मीटर की दूरी पर देहरादून चंद्रबनी से निकलती हुई नदी भी बहती है जिसको शास्त्रों में बहुत महत्वपूर्ण माना गया वहीं शिवलिंग के मात्र कुछ दूरी पर पीपल का एक पुराना वृक्ष भी मौजूद है जिसको ग्राम खेड़ा कहा जाता है वही कुछ दूरी पर एक शिव मंदिर भी स्थित है शिवलिंग के दर्शन करने के लिए सबसे पहले रास्ते में शिव मंदिर पड़ता है उसके बाद ग्राम खेड़े के दर्शन करने के बाद प्राचीन शिवलिंग के दर्शन कर लोग अपनी मनोकामना मांगते हैं
वही शिवलिंग के कुछ दूरी पर चंद्रबनी से निकलती हुई धारा आसन नदी बहती है जिसमें लोग स्नान करते हैं लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि प्राचीन शिवलिंग को सरकार और पुरातत्व विभाग ने आज तक महत्व नहीं दिया हालांकि उत्तराखंड एक देवभूमि कई जाती है और उत्तराखंड के पहाड़ों के बीच और धरती के गर्भ में अनगिनत राज छिपे हुए हैं
इसी प्रकार इस शिवलिंग का आज तक कोई भी यह पता नहीं लगा पाया आखिर यह शिवलिंग इस छोटे से गांव आदुवाला में किस युग में किस सदी में और किस महा ऋषि ने स्थापित किया आज भी शिवरात्रि के इस अवसर पर लोगों का तांता लगा हुआ है सुबह से ही लोग प्राचीन अद्भुत शिवलिंग के दर्शन करने के लिए लाइन में लगे हुए हैं