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आसपा स्थापना दिवस, बदर अली पार्टी में संस्थापक थे या मुस्लिमों के लिए बाधक !

Byadmin

Mar 18, 2021

ब्यूरो रिपोर्ट

मेरठ ( उत्तर प्रदेश ) :- कांशीराम जी के जन्मदिन के मौके पर शास्त्री नगर स्थित कांशीराम पार्क में आसपा ज़िलाध्यक्ष सुरेन्द्र राछौती की अध्यक्षता में आज़ाद समाज पार्टी का प्रथम स्थापना दिवस मनाया गया जिसमें आसपा व भीम आर्मी के सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल हुए ।
पार्टी को केवल मात्र एक वर्ष हुआ है लेकिन मेरठ में पार्टी ने तेज़ी से विस्तार किया और राजनीतिक बैठकों में आसपा चर्चा में रहने लगी । चन्द्रशेखर के बाद उस चर्चा के केंद्र में बदर अली और उसमें जेल जाने से लेकर रिहाई तक व पुनः राजनीति में स्थापित करने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाने एवं पार्टी को माधवपुरम कार्यलय गिफ्ट करने वाले शमीम चौधरी रहते थे । वो कार्यालय जो बदर अली द्वारा किए जाने वाले विद्युत बिल के भुगतान न होने के कारण बन्द पड़ा हुआ है और खबरों पर यक़ीन करे तो बदर अली द्वारा कार्यालय पर अवैध क़ब्ज़े की बात बाहर आने पश्चात कसे शिकंजे से छवि पर खतरा मंडराते देख बदर अली ने अब माधवपुरम कार्यालय से दूरी बनाने या मजबूरन उसे छोड़ने का मन बना लिया है ।

शहर की नामचीन व प्रसिद्ध मुस्लिम कॉलोनी एरा गार्डन निवासी शमीम चौधरी स्वयं साधन संपन्न एवं परिपक्व व्यक्तित्व वाले व्यक्ति है, उनके विरोधियों द्वारा सोशल मीडिया पर ग़ैरक़ानूनी गतिविधि में लिप्त होने के आरोप लगता है लेकिन उक्त आरोप का कोई क़ानूनी आधार या तकनीकी सबूत आजतक सामने नहीं आया जबकि इसी सोशल माध्यम पर बदर अली पर हॉस्पिटल की ज़मीन व निर्माण हेतु चन्दे आधारित गबन आरोपों के अतिरिक्त नागरिकता क़ानून हिंसा मामले में मुस्लिम समाज विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने जैसे कई तथ्यात्मक आरोप हैं जिसपर बदर अली की ओर से ने आजतक कोई सन्तोषजनक स्पष्टीकरण नहीं दिया गया ।

सूत्रानुसार, जेल से छूटने बाद बदर अली को आर्थिक व सामाजिक मज़बूती देते हुए राजनीति में पुनः स्थापित करने में सबसे मुख्य व अहम भूमिका शमीम की रही है, मेरठ के राजनैतिक गलियारों में शमीम की चर्चा व प्रसिद्धि जहां एक तरफ़ बदर के पुराने करीबियों को खलने लगी तो वहीं दूसरी ओर पार्टी में शमीम चौधरी के महासचिव बनने बाद पार्टी के प्रति शमीम की समर्पित कार्यशैली व सकारात्मक द्रष्टिकोण के कारण शमीम को मिलने वाली चर्चा अब बदर अली को अपने लिए भी खतरा लगने लगी थी. शहर में छोटे बड़े मुस्लिमों को पार्टी से जोड़ना व हिस्सेदारी अनुसार पार्टी संगठन में उन्हें भागीदारी दिलवाना प्रारम्भ से ही शमीम चौधरी की प्राथमिकता रही तो वहीं दूसरी ओर मेरठ में सबसे बडे व एक मात्र मुस्लिम चेहरे के रूप में स्वयं को स्थापित करना बदर अली का मुख्य उद्देश्य रहता था ।

जैसे जैसे समय बीता तो मेरठ में स्वयं को पार्टी का मालिक बताने वाला बदर अली धीरे धीरे हाशिए पर धकेले जाने लगा और नतीजा यह हुआ कि एक दिन पार्टी के उस तथाकथित मालिक को अनुशासनहीनता के आरोपों पर केवल मात्र ज़िलाध्यक्ष ने ही पार्टी से निष्कासित कर दिया । मेरठ के राजनीतिक विशेषज्ञों की मानों तो बदर के साथ हुआ निष्कासन वाला यह सारा कांड उसके अहंकार व राजनीतिक संयम शून्य होने के अतिरिक्त शमीम द्वारा अघोषित रूप से स्वयं को बदर से अलग करने का नतीजा है ।

निष्कासन पश्चात बदर अली व उसके समर्थकों द्वारा चलाए जा रहे आसपा के भाजपा सहायक और मुस्लिम विरोधी होने जैसे दुष्प्रचार के बीच अनुमान लगाया जा रहा था कि, इस घटनाकर्म के बाद मेरठ के मुस्लिम वर्ग को अब आसपा से जोड़ना टेढ़ी खीर होगा लेकिन निष्कासन के कुछ ही घण्टों बाद आयोजित पार्टी के प्रथम स्थापना दिवस प्रोग्राम में आजतक पार्टी कार्यक्रमों से दूरी बनाने वाले दर्जनों मुस्लिम चेहरों सहित बदर के पूर्व साथी व युवा सेवा समिति के दूसरे सबसे बड़े चेहरे आमिर गाज़ी के अतिरिक्त पूर्व प्रसपा नेता शाहबाज़ बदर, संयुक्त व्यापार मंडल के अध्यक्ष शहज़ाद शेख़, यासर सैफ़ी, पूर्व प्रधान अनवार हुसैन व डॉ तैमूर सहित दर्जनों मुस्लिम चेहरों का पहली बार एक साथ मंच पर दिखाई देना शमीम की कुशल रणनीति व राजनीतिक सूजबूझ का प्रतीक है जबकि शमीम चौधरी ने बदर अली को आज भी अपना भाई बताते हुए इस पूरे प्रकरण पर केवल मात्र उन्हें शुभकामनाएं देकर अन्य कोई भी टिप्पणी करने से इनकार किया ।

स्थापना दिवस कार्यक्रम के दौरान आमिर गाज़ी ने कहा कि, समर्पित आसपा कार्यकर्ताओं का यदि कोई नेता है तो वो केवल मात्र चन्द्रशेखर आज़ाद है जिसकी कुर्बानियों और कार्यशैली से देश का युवा प्रभावित है, जहां तक बात मुस्लिमों की है तो इस दूसरे वर्ष में पहले से दुगनी तेज़ी से मुस्लिम समाज पार्टी से जुड़ेगा। समापन भाषण में ज़िलाध्यक्ष सुरेन्द राछौती ने कहा कि, पार्टी आगामी पंचायत में जोरदार प्रदर्शन कर स्वयं को प्रदेश की राजनीति में स्थापित करने जा रही है ।

स्थापना दिवस कार्यक्रम का संचालन ज़िला महसचिव शमीम चौधरी एवं बिजेंद्र सूद ने किया जबकि मंडलाध्यक्ष विकास हरित, भीम आर्मी ज़िलाध्यक्ष रमेश हल्देनिया, भीम आर्मी ज़िला संरक्षक चतर सिंह, ज़िला प्रभारी डॉ ओमप्रकाश, इंद्रजीत प्रजापति, सिराज सैफ़ी, पीताम्बर प्रजापति, शान मुहम्मद, वरिष्ठ नेता संजीव पाल, आमिर गाज़ी, मनोज अधाना, शाहबाज़ बदर, अमरपाल सैनी, शहज़ाद शेख़, एडवोकेट प्रवीण भारती, एडवोकेट चन्द्र किरण, उपाध्यक्ष चरण सिंह, महानगर अध्यक्ष यूनुस सैफ़ी, यूथ ज़िलाध्यक्ष बॉबी जेवरी, प्रभारी सागर लिसाड़ी, विधानसभा अध्यक्ष आदित्य भास्कर, अनिल कुमार, अरविंद कुमार, बेगराज जाटव, भीम आर्मी नेता ख़ालिद डुंगरावली, जयप्रकाश व महिला ज़िलाध्यक्ष राखी गौतम सहित सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे ।