आगरा:-
आगरा की पावन नदी यमुना की अपने आप में एक कहानी
एक तरफ यमुना जी को पावन नदी का दर्जा दिया जाता है वही हमारे आगरा के मेयर नवीन जैन जी यमुना जी की कर रहे हैं अनदेखी जबकि यमुना की सफाई के लिए लाखों करोड़ों रुपए आवंटित किए जाते हैं लेकिन हकीकत में सफाई न दिखाई दे कर केवल कागजों में ही सफाई नजर आती है नमामि गंगे परियोजना के बड़े-बड़े बैनर भाषण और बादे ही नजर आते हैं लेकिन यमुना में सफाई नाम की चिड़िया भी नजर नहीं आती है बड़े बड़े कारखानों का केमिकल युक्त पानी आज भी यमुना की गोद में गिर रहा है कचरे के ढेर उतराते नजर आते हैं जगह-जगह मरे हुए जानवर देखने को मिल जाते हैं जिधर भी देखो यमुना जी एक नाले के रूप में परिवर्तित होती हुई नजर आती हैं यमुना की सफाई के लिए आज भी कोई कड़े कदम नहीं उठाए जा रहे हैं केवल वादे पर वादे हो रहे हैं और यह बादे कब तक चलते रहेंगे पूछता है आगरा ?