प्रयागराज:-
प्रयागराज के दांदूपूर स्थित समदरिया स्कूल में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया संगम नगरी प्रयागराज की पावन धरती पर देश के विभिन्न हिस्सों नैनीताल, शामली, राजस्थान, देहरादून, जैसे विभिन्न प्रांतों से कवियों ने आकर समा बांधा।
कवि सम्मेलन कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉ अजय कुमार विधायक बारा ने दीप प्रज्वलित कर शुरू किया
नवजागरण मंच द्वारा आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि रहे बारा विधायक डॉ अजय कुमार ने कहा कि भारतीय इतिहास के हर कालखण्ड में साहित्य की प्रासंगिकता महत्वपूर्ण रही है। समाज के नव निर्माण में साहित्य की केंद्रीय भूमिका को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता।
नैनीताल से आये ख्यातिलब्ध रचनाकार मोहन मुन्तजिर ने अपनी चर्चित व्यंग्यात्मक शैली में ‘प्यार करो धरती से और आजाद बनो, कानपुर की डॉ अंजना कुमार ने ‘जख्म की परवाह होती जालिम यूँ दिल न लगाते, हथेली पर तेरा नाम लिखकर यूँ बेरहमी से न मिटाते’ पढ़कर अपनी श्रृंगारमयी कल्पना को उजाकर किया।
गुलाबी शहर जयपुर से पहुंची श्रृंगार की चर्चित कवियित्री शोभना ऋतु ने ‘कहूंगी शारदे मां से झुका कर शीश संगम पर, मैं नवरस का कलश भरने इलाहाबाद आई हूं’ आदि पंक्तियां पढ़कर खूब तालियां बटोरी,
इस कार्यक्रम के दौरान आर्य कन्या पीजी कॉलेज की प्राचार्य डॉ रमा सिंह तथा मोतीलाल नेहरू डिग्री कॉलेज के प्रबंधक पं राजेंद्र मिश्र ‘ समेत सैकड़ों लोग मौजूद रहे।