अनुपपूर :-
शहडोल संभाग के अनुपपुर जिले के ग्राम देवहरा में चल रहे सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के आज 5 वे दिन कृष्ण बाल लीला का वर्णन किया गया । जिसमें सभी कलाकारों ने भगवानों के रूप धारण कर कथा का आनंद लिया साथ ही श्री मद भागवत कथा महोत्सव का वर्णन कर रहे आचार्य श्रीकांत त्रिपाठी एवम उनकी सुपत्री कथा वाचिका कु शीघ्रता त्रिपाठी जी के भागवत कथा अमृत वाणी से पूरा नगर झूम उठा।
यह भागवत कथा 17 मार्च से लेकर कथा 23 मार्च तक किया जाएगा। इस दौरान सुशीला त्रिपाठी, कैलाश त्रिपाठी, डा.सुशील कुमार तिवारी, सैलेश कुमार तिवारी द्वारा भागवत कथा का अमृतरस का आयोजन किया गया है ।
शहडोल संभाग के अनूपपुर जिले के ग्राम देवहरा में आज से श्री मद भागवत कथा का आयोजन सुशीला त्रिपाठी कैलाश त्रिपाठी द्वारा किया जा रहा है। यह भागवत कथा
17 मार्च से प्रारंभ होकर 23 मार्च तक किया जाएगा। भागवत कथा के प्रारंभ में भव्य कलश यात्रा निकाली गई। सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के आज 5 वे दिन कृष्ण बाल लीला का वर्णन किया गया । जिसमे भगवान श्री कृष्ण के जन्म से लेकर बाल लीला का वर्णन किया गया ।
जिसमें सभी कलाकारों ने भगवानों के रूप धारण कर कथा का आनंद लिया साथ ही श्री मद भागवत कथा महोत्सव का वर्णन कर रहे आचार्य श्रीकांत त्रिपाठी एवम उनकी सुपत्री कथा वाचिका कु शीघ्रता त्रिपाठी जी के भागवत कथा अमृत वाणी से पूरा नगर झूम उठा। यह भागवत कथा 17 मार्च से 7 दिवस 23 मार्च तक किया जाएगा, तत्पश्चात भव्य भंडारे के साथ इसका समापन होगा , भागवत के पहले दिन भागवत का महत्व बताया, इस दौरान सुशीला त्रिपाठी, कैलाश त्रिपाठी, डा.सुशील कुमार तिवारी, सैलेश कुमार तिवारी द्वारा भागवत कथा का अमृतरस का आयोजन किया गया है ।
श्रीमद् भागवत कथा महा महोत्सव का वर्णन लोकप्रिय कथा वाचक महोत्सव का वर्णन कर रहे आचार्य श्रीकांत त्रिपाठी एवम उनकी सुपत्री कथा वाचिका कु शीघ्रता त्रिपाठी जी के भागवत कथा के दौरान कहा कि कृष्ण चरित्र बड़ा विचित्र जब जब इस धरा पर अत्याचार, अनाचार, दुराचार बढ़ जाता है तब सदाचार की स्थापना के लिए होता है भगवान का अवतार यदा यदा ही धर्मस्य ग्लानिर भवति भारत: अभ्युत्थानम अधरमस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्