अंबेडकरनगर :- योगी जी की पुलिस अपने ‘काम’ से ज्यादा कारनामों के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है. लेकिन कारनामे करने वाली पुलिस अब बड़े-बड़े कांड भी करने लगी है. कांड भी ऐसे कि जिसे सुनने के बाद आप दांतों तले उंगलियां दबा लेंगे. आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी. ताजा मामला उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर जिले का है.
साल 2017 में उत्तर प्रदेश की जब सत्ता बदली, तो लगा नए निजाम के आते ही सूबे की पुलिस का चाल, चरित्र और चेहरा बदल जाएगा. कुर्सी पर बैठते ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने पुलिस महकमे पर काम करना शुरू कर दिया. राज्य में अपराध और अपराधियों को खत्म करने के नाम पर पुलिस को खुली छूट दे दी गई. अपनी ‘ठोको पॉलिसी’ के तहत पुलिस मुठभेड़ पर मुठभेड़ करने लगी. लेकिन कहते हैं ना कि ताकत के साथ अहंकार भी आ जाता है. यूपी पुलिस के साथ भी वही हुआ. अधिकार के साथ आए अहंकार में चूर पुलिस ने आम आदमी पर जुल्म करना शुरू कर दिया।ताजा मामला उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर जिले का है. यहां पुलिस ने ऐसा ‘कमाल’ किया है, जिसे जानने के बाद आपकी नजर में ‘खाकी’ का रंग उतर जाएगा. पुलिस से भरोसा उठ जाएगा पुलिस से भरोसा उठ जाएगा
अंबेडकरनगर पुलिस का आमनवीय चेहरा फिर सामने आया। पुलिस के हाथों बहुत से बेकसूर टॉर्चर होते हैं, जेलों में भेजे जाते हैं। थानों में पीटे जाते हैं और रिश्वत देने को मजबूर होते हैं।टांडा कोतवाली अंतर्गत को कोड़रा निवासी चंदन पुत्र निरंजन को पुलिस 24 मार्च को अपनी कस्टडी में लेकर काफी प्रताड़ित करने के बाद छोड़ दिया था जिसकी पुलिस कस्टडी से छूटने के बाद मृत्यु हो गई शरीर पर काफी गहरी चोट के निशान हैं। परिजनों के अनुसार टाण्डा थाना पुलिस ने पकड़ने की बाद दलाल के माध्यम से छोड़ने के लिए भारी रकम भी ली थी।जबकि हमारे समाज में ‘वर्दी’ की आज भी इज्जत है.
गांव हो या शहर कोई भी वर्दीधारी यदि सड़क से गुजरता है, तो लोगों की निगाहें बरबस उस ओर चली जाती हैं. खाकी का रंग भरोसे का प्रतीक माना जाता है. लेकिन पुलिस धीरे-धीरे अपनी इज्जत खोती जा रही है. लोगों की नजर में गिरती जा रही है. कानपुर का बिकरू कांड, तो आपको याद ही होगा. वहां पूरा थाना ही एक अपराधी विकास दुबे के लिए काम करता था. हालांकि, ऐसा नहीं है कि हर पुलिसवाला अपराधी होता है. कई पुलिसकर्मी वर्दी की मर्यादा बनाए हुए हैं।