एटा :- प्रदेश सरकार महिलाओं को सम्मान पूर्वक जीवन जीने के लिए तमाम योजनाओं का क्रियान्वयन कर रही है,महिला हेल्प डेस्क हो या वूमेन पावर हो, एंटी रोमियो हो तमाम योजनाओं को महिला सुरक्षा के नाम पर चलाया जा रहा है परंतु अधिकारी अभी भी अपने पुराने ढ़र्रे पर कायम है उन्हें अपने पद की हनक दिखाने की अभी तक दिमाग में सनक बनी है,
जब तक ऐसे अधिकारियों की महिलाओं के सम्मान के प्रति सोच नही बदलेगी कितने ही कानून बना लीजिए उन्हें बराबरी का दर्जा नही मिल सकता है,ताज़ा प्रकरण एटा जनपद के नेत्र चिकित्सा विभाग से है जहाँ नेत्र परीक्षण अधिकारी सोहनलाल शर्मा ने उन्हीं के अधीनस्थ दलित महिला मेट्रन कर्मी के साथ अपमानजनक व्यवहार का मामला उजागर हुआ है।
उसके साथ जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए चिकित्सक ने सरकारी अभिलेख भी फाड़ दिये,मामले में पीड़ित दलित महिला ने कोतवाली नगर में 8 अप्रैल को मामले संबंधित परिवाद भी दर्ज करा दिया है परंतु कोई भी कार्यवाही न होने पर पुनः उसके साथ चिकित्सक द्वारा दुर्व्यवहार किया गया।हार थक कर महिला ने उच्च अधिकारियों सहित सूबे के मुख्यमंत्री से अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई है,
अन्य दलित कर्मचारियों ने भी मामले में कोई कार्यवाही न होने पर रोष व्यक्त किया गया है,देखना है कि इस अमर्यादित व्यवहार की सज़ा उपरोक्त चिकित्सक को कबतक मिलती है और न्याय की आशा में सूबे के सीएम की ओर टकटकी लगाए दलित महिला कर्मी को कब तक न्याय मिलता है।सभी ने कार्यवाही के लिए सीएमएस को संदर्भित ज्ञापन राजेश अग्रवाल को सौंपा है।